हम रूहे परमधाम में, इश्क में जिए इश्क रहे इश्क में बैठे इश्क में उठे निस दिन इश्क इश्क इश्क बस

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हर समस्या का समाधान अवस्य होता है बस हमे समय की कद्र और सब्र होनी चाहिए

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क्या यह खेल सच में दुःख दाई है ?? Amit ji || श्री रतनबाई जी की सुंदर प्रेम कहानी

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बड़े बड़े दु:ख आए जीवन में तो क्या करना चाहिए?? श्री रतनबाई जी की सुंदर प्रेम कहानी भाग 4

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छोटी छोटी समस्याएं बड़ी बड़ी क्यों लगती है ?? श्री रतनबाई जी की सुंदर प्रेम कहानी भाग 6

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प्रश्न:- घर में कलेह होता है प्रेम स्नेह कोई आपसे रखता नहीं व्यापारमें भी नुकसान आया है तो जरूर सुने

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धनी नाम धनी गुण इतना बोलिए विचारिये की रग रग में श्री राज हो जाए || परमधाम दर्शन Amit ji

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अगर सेवा का महत्व न पता हो तो इसे अवश्य सुन लेना || श्री रतनबाईजी की सुंदर प्रेम कहानी भाग 2

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इश्क और इमान किसे कहते हैं? by Amit ji || श्री रतनबाई जी की सुंदर प्रेम कहानी भाग 3