स्वयं को कमज़ोर या हीन समझते हो? || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)

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नौकरी नहीं लग रही, पढ़ाई में मन नहीं, बहुत हीनभावना आ गई है || आचार्य प्रशांत (2024)

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ज़िंदगी झेलने के लिए नहीं, खेलने के लिए है || आचार्य प्रशांत (2024)

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सपनों का राज़ क्या है? @ShriPrashant|| Jaag Sake To Jaag, with India News

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दूसरों को हराना हो तो खुद को हराना सीखो || आचार्य प्रशांत (2024)

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सर आप मर जाएगे, फिर क्या होगा ? आचार्य प्रशांत, गीता ||

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Become The Greatest In Your Field Ft. Amar Choudhary | Deep Cast 15

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धर्म का विकृत व प्रचलित रूप है "लोकधर्म" || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)

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