कवि कानदान कल्पित (सीखड़ली) राजस्थानी कविता, Rajasthani Kavita Kandaan Kalpit
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कवि कानदान कल्पित(मरूधर मारो देश), Kavi Kandan Kalpit- Marudhar Maro Desh
7:35
Sunita Swami || डब डब भरिया बाईसा रा नैण || सिखड़ली || Dab Dab Bhariya Baisa Ra Nen ||
17:01
कवि कानदान कल्पित(लागण दे हबिङो), Kavi Kandaan Kalpit Live Kavi Sammelan
13:41
पन्ना काली वा अंधयारी रात।।सोहन जी चौधरी।।ये कविता पूरे हिन्दुस्तान में फेमस हो गयी।।
15:34
जागती जोतां(पातल,अकबर,मान) कवि गिरधारी सिंह पड़िहार री लिखोड़ी कविता । स्वरः शिवपाल सिंह पड़िहार
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MEGHNAD (EXCLUSIVE RAJASTHANI POETRY) SHANKAR SINGH RAJPUROHIT/POET : GIRDHARI SINGH PADIHAR BIKANER
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कवि कानदान जी कल्पित की II नगद नारायण II हास्य रस की कविता,Kavi Kandan Kalpit
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