|भजन होता है हरि की होशियारी से ||गुरु की बलिहारी से ना |शिवरामपुर वाराणसी आश्रम भाग (33)#motivation

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अपने कर्म को देख इंसान क्यों दोष देता है भगवान को APNE KARAM KO DEKH INSAN KYON DOSH DETA HAI BHAGWA

1:23:50

भक्ति भजन कोई विरला ही करता है, जिस जीव पर संत सतगुरु की दया हो जाये वही भजन में लीन हो जाता है ।

7:45

सद्गुरु भजन = सुधर जायी ज़िंदगी! रीना साहनी

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साक्षात्कार - महाशय अमित श्री

1:00:55

कोई तत्वदर्शी गुरु जीवन में नहीं है तो ये अपना मन ही लूट लेता है, मन बहुत चंचल होता है-जय गुरूबन्दे

1:35:48

JAI GURUBANDE BHAJAN-110-जिन बाधा पाप कै गठरिया हों- गठरिया हों ,बोझ ढ़ोवै के पड़ी )

44:42

माया में रहते हुयें तत्वदर्शी संत सतगुरु के वचनों का पालन करके जीव को भव से पार लगाया जा सकता है ।

1:14:08

गुरु के प्रेम में रोने का जो आनंद मिलता है वो इस माया के संसार में हंसने में भी नहीं मिलता है।