अज्ञात की पुकार सुनो ! अष्टावक्र गीता !
18:13
सब जगह तू व्याप्त है ! अष्टावक्र गीता
30:55
आत्मरमण स्वभाव है तुम्हारा ! अष्टावक्र गीता
21:39
आत्मा का पहला द्वार ! अष्टावक्र गीता
21:59
तुम मुक्त हो , बस इसे समझो ! अष्टावक्र गीता
19:30
अष्टावक्र गीता: अध्याय 1 श्लोक 2 - आत्मज्ञान और भौतिकता से मुक्ति
1:22:06
Ashtavakra Gita - अष्टावक्र गीता - Part 25
21:38
तू स्वयं ही सत्य है ! अष्टावक्र गीता
22:18