सत्संग ८ : घटना और अनुभव, अध्यात्म, अवस्था, अकर्ता, अनावश्यक कार्य, उत्तरजीविता, बंधन, कर्म, परीक्षा

41:31

सत्संग ७ : मन, गुरु, शास्त्र, अनुभव, ब्रह्म, शरीर, जीव के अनुभव, आनंद, विचित्र अनुभव, स्तर, मिथ्या

30:43

सत्संग ९ : अनुभव, मार्ग, लक्ष्य, ब्रह्म, मिथ्या, ज्ञान साधन, दृश्य-दृष्टा विवेक, प्रेम, सरलता

41:55

सत्संग २ : अभी और यहीं, अनुभवकर्ता और शरीर, दुःख, अमर, अनुभव, आनंद, अकर्ता, प्रगति

43:52

सत्संग १२ : मनोशरीर यंत्र, स्वयंसिद्ध, माया, बाधा, एक अनुभवकर्ता, सही मार्ग

12:19

आत्मज्ञान

47:17

सत्संग ५ : सीमित, वर्जित, ज्ञान का अंत, नकारात्मक अनुभव साक्षीभाव के प्रभाव, गणित, बुद्धि, अहम, जीवन

30:21

सत्संग ४ : अनुभव, अकर्ताभाव, गुरु, अहम, माया, शून्य, पुनर्जन्म, परिवर्तन, चित्त बृत्ति, ऊर्जा

55:34

सत्संग ११ : ज्ञान के स्तर, दुःख, अनुभव का कारण, नैतिक, मनन, त्याग, ज्ञान अर्जन, कृपा