पाठ - 9 || जोशीमठ नहीं धँस रहा, हम धँस रहे हैं! || क्लाइमेट चेंज by आचार्य प्रशांत (2024 - 2025)
9:08
पाठ - 25 || इंसान की सारी समस्याओं के दो कारण by आचार्य प्रशांत (2024)
39:34
2025: विनाशाची अशी त्सुनामी याआधी कधीच पाहिली नसेल! || आचार्य प्रशांत
3:37
अरे! अपनी जिंदगी में भीतरी स्वतंत्रता को प्रवेश तो करने दो, या ऐसे ही जीना है! @ShriPrashant
19:05
पाठ - 2 || महिलाएँ अपनी पढ़ाई और नौकरी देखें या घर-गृहस्थी? || स्त्री by आचार्य प्रशांत (2025)
2:07
श्रृंगार करती हुई स्त्री से ज्यादा सुंदर होती है संघर्ष करती हुई स्त्री । @ShriPrashant
12:12
पाठ - 4 || नारी देह है आपकी, पर नारी नहीं हैं आप || स्त्री by आचार्य प्रशांत (2025)
3:57
Mental peace बहुत बढ़ी बात है , बहुत कीमती चीज है।
8:54