केवट- संवाद । छुअत सिला भइ नारि सुहाई। पाहन तें न काठ कठिनाई।। @dakshtutorials1869 #youtubevideo

18:17

जामवंत कह सुनु रघुराया । जा पर नाथ करहु तुम्ह दाया‌ ।@dakshtutorials1869 #रामचरितमानस #सुंदरकांड

17:41

धर्म हेतु अवतरेहु गोसाईं । मारेहु मोहि ब्याध की नाईं ।। @dakshtutorials1869 ।बाली वध किष्किंधा कांड

18:48

भरत प्रसंग - रहेउ एक दिन अवधि अधारा। समुझत मन दुख भयउ अपारा।। @dakshtutorials1869 #उत्तराखंड

16:05

रामचरितमानस - राम विभीषण मित्रता ।।रावन जबहिं विभीषण त्याग। भयउ बिभव बिनु तबहिं अभागा ।।#सुंदरकांड

15:19

धीरज धर्म मित्र अरु -नारी, आपद काल परिखि अहिं चारी।@dakshtutorials1869

15:53

सुनहु नाथ सीता बिनु दीन्हें । हित न तुम्हार संभू अज कीन्हें ।@dakshtutorials1869 #सुंदरकांड

18:04

#रामचरितमानस #किष्किंधा कांड - "राम-सुग्रीव मित्रता" #video #dakshtutorials1869 #Daksh Drishti

16:12

घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मन मोरा ।।@dakshtutorials1869 #किष्किंधाकाण्ड