केवट- संवाद । छुअत सिला भइ नारि सुहाई। पाहन तें न काठ कठिनाई।। @dakshtutorials1869 #youtubevideo
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जामवंत कह सुनु रघुराया । जा पर नाथ करहु तुम्ह दाया ।@dakshtutorials1869 #रामचरितमानस #सुंदरकांड
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धर्म हेतु अवतरेहु गोसाईं । मारेहु मोहि ब्याध की नाईं ।। @dakshtutorials1869 ।बाली वध किष्किंधा कांड
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भरत प्रसंग - रहेउ एक दिन अवधि अधारा। समुझत मन दुख भयउ अपारा।। @dakshtutorials1869 #उत्तराखंड
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रामचरितमानस - राम विभीषण मित्रता ।।रावन जबहिं विभीषण त्याग। भयउ बिभव बिनु तबहिं अभागा ।।#सुंदरकांड
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धीरज धर्म मित्र अरु -नारी, आपद काल परिखि अहिं चारी।@dakshtutorials1869
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सुनहु नाथ सीता बिनु दीन्हें । हित न तुम्हार संभू अज कीन्हें ।@dakshtutorials1869 #सुंदरकांड
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#रामचरितमानस #किष्किंधा कांड - "राम-सुग्रीव मित्रता" #video #dakshtutorials1869 #Daksh Drishti
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