जीवन के निकृष्टतम अनुभव मैं देह हूँ के भ्रम को कैसे दूर किया जाए ? कौन हैं हम ? जानने के लिए सुनें
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कालातीत सत्य का बोध होने पर मन की अवस्थाएँ एवं अनुभव कैसे बदल जाते हैं ? सुनें दिव्य उद्बोधन
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कैसे शुरू की जाए देहोहम् से शिवोहम् की यात्रा ? सुनें दिव्य उद्बोधन युगपुरुष स्वामी परमानंद जी से
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"तुरीय की महिमा" पूज्य गुरुदेव द्वारा माण्डूक्य उपनिषद पर दिए गए प्रवचन (भाग-6)
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क्यूँ शंकराचार्य जी ने लिखा कि हम मनुष्य नहीं हैं ?
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अन्योन्याध्यास ही बंधन है ! पूज्य गुरुदेव द्वारा "विवेक चूड़ामणि" पर दिए गए प्रवचन का(भाग-7)
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जीव कल नहीं रहेगा ये सब जानते हैं ,पर जीव ही सर्वदा रहेगा ये सत्य जानना है!! सुनें दिव्य उद्बोधन
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What is art of living ? क्या है जीवन जीने की कला ? सुनें दिव्य उद्बोधन स्वामी परमानन्द गिरी जीद्वारा
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