BGS0620a साक्षी आत्मा का आत्मा द्वारा आत्मा में अपना शुद्ध स्वरूप का दर्शन। ध्यान की दो व्याख्याएँ।
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BG0928b निष्काम कर्म और भगवत्समर्पणके माध्यमसे व्यक्ति बंधनोंसे मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
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VC31 34 ज्ञानी गुरु जो वक्तृत्व कलामें भी सक्षम हो, ब्रह्मवित्त, कामना रहित शांत हो उनसे सीखना है।
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Chanting {CWF}📿📿, Reading {VRC} 📖📚CC Madhya(Ch:20): SLKR (Narayana Kavacha)🧏🗣️Recitations
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Day_862 Mahabharata Vana Parva ch 34.16 - 34.21 shs
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BGS0620b सातत्य से 24/7 प्रभु का चिंतन कैसे करें? रागद्वेष का त्याग कर के चित्तशुद्धी करनी होगी।
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Saturday Parmagam Jain Honours Class naychakra class 3
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BGS0621b इंद्रियोंसेपरे आत्यंतिक सुख बुद्धिके माध्यमसे अनुभव किया जा सकता है जो आत्मासे संबंधित है।
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