Bashir Badr, वो चांदनी का बदन, खुशबुओ का साया है, बहुत अज़ीज़ हमे है मगर पराया है, बशीर बद्र
21:43
Bashir Badr, कभी यूँ भी आ मेरी आँख में... कि मेरी नज़र को खबर न हो...मुझे एक रात नवाज़ दे मगर उसके....
14:59
Waseem Barelvi | Grand Mushaira | 5th Jashn-e-Rekhta 2018
28:03
Bashir Badr, Annual Sir Syed Day Mushaira-2002 (USA)
26:03
Nida Fazli, अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर दिल हो मुमकिन है..हम तो उस दिन राय देंगे ..जब धोखा खाएंगे राय
30:59
Ahmad Faraz, इस कदर मुसलसल थी शिदतें जुदाई की, आज पहली बार उससे मैंने बेवाफ़ाई की -अहमद फ़राज़
45:39
Bashir Badr, उसने छू कर मुझे... पत्थर से फिर इंसान किया... मुददतों बाद मेरी आँखों में आँसू आये
22:53
Bashir Badr, वो चांदनी का बदन, खुशबुओ का साया है, बहुत अज़ीज़ हमे है मगर पराया है, बशीर बद्र
19:37