अगर सत्य एक है तो सब धर्मों के भगवान/गॉड अलग-अलग क्यों? || आचार्य प्रशांत (2024)
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जो स्वर्ग-नर्क को मानते हैं, वो मुक्ति कभी नहीं पाएँगे || आचार्य प्रशांत (2023)
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गीता रचने के लिए इतना बड़ा युद्ध क्यों? || आचार्य प्रशांत (2024)
1:40:29
माया क्या है? (पूरी बात) || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव (2022)
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आप ही भगवान हैं? || आचार्य प्रशांत, स्वामी विवेकानन्द पर (2022)
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अरे! अपनी जिंदगी में भीतरी स्वतंत्रता को प्रवेश तो करने दो, या ऐसे ही जीना है! @ShriPrashant
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इतना ख़तरनाक नया साल पहले कभी नहीं आया, सावधान! || @ShriPrashant, Jaag Sake to Jaag, India News
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धर्म का विकृत व प्रचलित रूप है "लोकधर्म" || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)
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