आयो ब्रज रस बेचन वारो (व्याख्या) | Ayo Braj Ras Bechan Varo (Explanation)
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अरी ओ घूंघट वारी नारि (पद व्याख्या) | Ari O Ghunghat Vaari Naari (Keertan & Explanation)
34:03
"कृपा " शब्द का वास्तविक अर्थ क्या है ? II JAGADGURU SHRI KRIPALU JI MAHARAJ
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मोरी तोरी लर, ओरी गोरी ! नँद को री (पद व्याख्या) | Mori Tori Lara, Ori Gori (Keertan & Explanation)
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प्रेम रस बरसत कुंज मझार (पद व्याख्या) | Prem Ras Barasat Kunj Majhar (Explanation)
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बस ये एक काम करो, तुम्हारा बाकी सब काम मैं करूँगा और सदा के लिए अपना बना लूँगा - Kripaluji Maharaj
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अरे मन उभय रूप जग जान (पद व्याख्या - भाग १) | Ubhaya Roop Jaga Jaan (Lecture 1)
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माधो मोहिं पठयो वोहि देश (पद व्याख्या) | Madho! Mohin Pathayo Vohi Desh (Pad Vyakhya)
57:43