आवडे हे रूप (कीर्तन)- न्यायाचार्य डॉ.श्री.नामदेव महाराज शास्त्रीजी (मठाधिपती,भगवानगड)
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आत्म बोध भाग-1, पूज्य गुरुदेव द्वारा "आत्म बोध" ग्रंथ पर दिए गए 21 दुर्लभ प्रवचन ।
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विनोदी किर्तन संसारात सुख आहे का ?ह.भ.प.सौ.तेजस्विनी ताई नवले किर्तन|Tejasvini tai navale kirtan
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भावेवीण भक्ती (कीर्तन)- न्यायाचार्य श्री.नामदेव महाराज शास्त्रीजी (मठाधिपती, भगवानगड)
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भाग्याचा उदय । ते हे जोडे संत पाय । किर्तनकार महंत डॉ. नामदेव शास्त्री सानप (भगवानगड)
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परा प्रकृति अपरा प्रकृति
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हभप अशोक महाराज जाधव-सुश्राव्य कीर्तन-श्री संत ज्ञानेश्र्वर सेवा मंडळ-देवाचिये द्वारी उभा क्षणभरी
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संतांनी देवा बरोबर सर्वच नाते जोडले श्री ह भ प श्रीकुमार महाराज ठोसर
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