लज्जा से युक्त मोहन को मोहित करने वाली श्रीराधाजू की अंग अंग की माधुरी एवं केली..श्रीराधारससुधानिधि.
44:47
प्रेम संपदा रूपा यमुना किनारे कुंज में केलि करती हुई श्रीराधा मुख चंद्र की तुलना..श्रीराधारससुधानिधि
39:39
प्यारे के प्राण , चित को चुराने वाली प्रिया जू के बलिहारी लेते हुए प्रीतम श्याम जू...सहज सुख-48--51.
52:09
चंद्रमुखी श्री राधा की रूप माधुरी निरखने की लालसा (राधा सहचरी ) श्री राधारससुधा निधि सं०-108,109,110
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भागवत के प्रथम श्लोक का अद्भुत वर्णन जिसे सुनकर बन जाएंगे आपके बिगड़े काम | Swami Ratnesh Ji Maharaj
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निरंतर श्री राधा नाम रटने , चरण कमल हृदय में धारण , सदा मुख कमल निहारना ये है लाल जी की मांग ...
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बृहस्पतिवार भक्ति भजन : ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, श्रीमन नारायण, विष्णु अमृतवाणी, विष्णु चालीसा व आरती
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श्री वृन्दावनेश्वरी राधा जू के अनन्य भक्त की अद्भुत निष्ठा... श्री राधा रस सुधा निधि–115,116,117
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