#368 Pravachansaar गाथा २००
58:42
#369 Pravachansaar गाथा २००
56:46
2.15
57:54
#370 Pravachansaar गाथा २००
40:30
2.3 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 22 कर्म अनादि से बंधे हैं#2
45:01
2.8 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 25 निर्बल जड़कर्म से जीव के स्वभाव का घात....
40:12
2.13 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 29-30 कर्मों की सत्ता और उदय
35:29
#373 Pravachansaar कलश १३
51:46