3.26 जब कोई भी साथ ना हो तब स्वयं को कैसे सम्हाले ? स्थितिकरण अंग | तीसरी ढाल | छहढाला
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3.27 साधर्मी संग निरपेक्ष प्रेम | वात्सल्य अंग | तीसरी ढाल | छहढाला
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3.38 सम्यक्त्व बिना यह मनुष्य भव पुनः मिलना कठिन है, व्यर्थ समय बर्बाद ना करें ! तीसरी ढाल | छहढाला
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आचार्य सोमदेव शास्त्री के साथ जानिए आखिर धर्म है क्या || Vedic Bhajan Satsang || AryaSamaj ||
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तू प्रभु है तू शुद्ध है। शुद्ध करना नहीं है।
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13 संयम प्रकाश सच्चे गुरु🙏कौन❓विचार तो करो🤔👍
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#752 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 08-12-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
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3.22 सब को देह से भिन्न आत्मा देखो, किसी से घृणा नहीं होगी | निर्विचिकित्सा अंग | तीसरी ढाल | छहढाला
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