ज्ञानानुभूति से प्राप्त आनन्दफल ही भोगने लायक है, कर्मफल नहीं - भाग 01 : अपूर्ण प्रवचन : आत्मन्

54:41
प्रतिज्ञा लिए बिना परिणाम नहीं रुकते, आशा बनी रहती है और प्रसंग पड़ने पर तद्रूप परिणाम हो जाते हैं

46:27
निजबल से ही अंतरंग परिग्रह को जीता जा सकता है।

1:08:15
44. चर्चा चैतन्य की। अनुभूति की पराकाष्ठा। मार्मिक अध्यात्मिक चर्चा। बाबूजी युगल जी। spiritual talks

8:04
Canada will respond to Trump tariffs ‘like they’ve never seen before,’ says Ontario premier

41:16
तत्त्वनिर्णय के बिना उपयोग अंतर्मुख होता ही नहीं।

21:16
सरगम की श्रद्धांजलि विद्यासागर विनयांजलि || भजन || सिंगर राजीव विजयबर्गी || गीतकार नीतेश जैन सरगम

41:26
स्वाध्याय भी एक तपश्चरण है, उत्कृष्ट तप है; सम्यग्ज्ञान के 8 अंग हमारे कर्मों का उच्छेद करने वाले है

20:10