2.13 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 29-30 कर्मों की सत्ता और उदय
43:58
2.14 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 30 द्रव्यकर्म व भावकर्म का स्वरूप और प्रवृत्ति
35:29
#373 Pravachansaar कलश १३
52:00
2.12 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 28-29 ज्ञानहीन पुद्गल परमाणु का प्रकृतिरूप परिणमन
56:46
2.15
57:54
#370 Pravachansaar गाथा २००
45:01
2.8 मोक्षमार्ग प्रकाशक (संसार अवस्थाका निरूपण) pg 25 निर्बल जड़कर्म से जीव के स्वभाव का घात....
58:32
#372 Pravachansaar कलश १२
46:36