कवि बादशाह प्रेमी का घर बार देखिये।। जैसा कविता मे कहते है वैसा उनके घर के आसपास है या नहीं।।
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एक बिहारी सब पे भारी प्रेमी बादशाह Dhaka Mushayara Dhakka Champaran Bihar
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ताड़ी बेचने वाले की जिंदगी की सच्चाई।। बिना कुछ किया कुछ नहीं मिलता।।
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कमाल का जोकर।। हंस हंस कर पेट फूल जायेगा।।
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जूता कहलस मोजा से।। कवि हृदयानन्द विशाल की अनमोल भोजपुरी कविताएं।।
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बादशाह प्रेमी का इंटरव्यू। बादशाह प्रेमी हास्य कवि का इंटरव्यू। BADSHAH PREMI
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कवि ह्रदया नन्द विशाल की कविता।। हॅसते हॅसते लोट पोट हो जायेंगे।।
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कइले लापरवाही नोकरी लागल जवना डेट से " रोजो पढावे जाले आधा घंटा लेट से " कवि हृदयानंद विशाल || 🤩😀
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